कोरोना वायरस (Covid-19) क्या है ? इसके लक्षण और बचाव देखें ?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार भारत, ब्रिटेन, चीन और अमरीका समेत कोरोना वायरस कोविड 19 अब दुनिया के 123 देशों में फैल गया है और इसके कारण पाँच हज़ार से अधिक मौतें हो चुकी हैं। जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं। इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं। संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया भर में इसके संक्रमण के 136,895 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। कोरोना वायरस (Covid-19) क्या है ? और यह कैसे फैलता है? इससे बचने के लिए आप क्या- 2 उपाय कर सकते है। आप निचे देख सकते है –

Latest Update:- कोरोना (COVID-19 Cases) के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron Case in Rajasthan) के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र के साथ-साथ कई राज्य अलर्ट मोड पर आ गए हैं। इसी कड़ी में अब राजस्थान में भी पाबंदिया बढ़ा दी गई है। अशोक गहलोत सरकार ने राज्य में नाइट कर्फ्यू ( Night Curfew in Rajasthan) लगाने का ऐलान किया है। सार्वजनिक स्थानों पर एंट्री के लिए कोरोना वैक्सीनेशन को अनिवार्य करने का फैसला लिया गया है। नए नियम के मुताबिक अब मॉल और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को रात 10 बजे तक ही खुले रहने की अनुमति होगी। सरकार के आदेश के मुताबिक, राजस्थान में रात 11 से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू (Rajasthan Night Curfew Timing) लागू रहेगा। कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला लिया गया है।

कोरोना वायरस (Covid-19) क्या है ?

चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस (Coronavirus disease – COVID-19) अब तक 145 से ज्यादा देशों में पहुंच गया है. इसके संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 7100 को पार कर गई है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने इसे महामारी घोषित कर दिया है। कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है। इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है। इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था। डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं। अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है।

कोरोनो वायरस संक्रमण के लक्षण क्या हैं?

इंसान के शरीर में पहुंचने के बाद कोरोना वायरस उसके फेफड़ों में संक्रमण करता है। इस कारण सबसे पहले बुख़ार, उसके बाद सूखी खांसी आती है, बाद में सांस लेने में समस्या हो सकती है।

वायरस के संक्रमण के लक्षण दिखना शुरू होने में औसतन पाँच दिन लगते हैं, हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि कुछ लोगों में इसके लक्षण बहुत बाद में भी देखने को मिल सकते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है, हालांकि कुछ शोधकर्ता मानते हैं कि ये समय 24 दिनों तक का भी हो सकता है।

कोरोना वायरस उन लोगों के शरीर से अधिक फैलता है जिनमें इसके संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन कई जानकार मानते हैं कि व्यक्ति को बीमार करने से पहले भी ये वायरस फैल सकता है। बीमारी के शुरुआती लक्षण सर्दी और फ्लू जैसे ही होते हैं जिससे कोई आसानी से भ्रमित हो सकता है।

कितना घातक है कोरोना वायरस?

कोरोना वायरस के संक्रमण के आँकड़ों की तुलना में मरने वालों की संख्या को देखा जाए तो ये बेहद कम हैं। हालांकि इन आंकड़ों पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता, लेकिन आंकड़ों की मानें तो संक्रमण होने पर मृत्यु की दर केवल एक से दो फ़ीसदी हो सकती है।

फ़िलहाल कई देशों में इससे संक्रमित हज़ारों लोगों का इलाज चल रहा है और मरने वालों का आँकड़ा बढ़ भी सकता है। 56,000 संक्रमित लोगों के बारे में एकत्र की गई जानकारी आधारित विश्व स्वास्थ्य संगठन का एक अध्ययन बताता है कि –

6 फ़ीसदी लोग इस वायरस के कारण गंभीर रूप से बीमार हुए. इनमें फेफड़े फेल होना, सेप्टिक शॉक, ऑर्गन फेल होना और मौत का जोखिम था। 14 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के गंभीर लक्षण देखे गए। इनमें सांस लेने में दिक्क़त और जल्दी-जल्दी सांस लेने जैसी समस्या हुई। 80 फ़ीसदी लोगों में संक्रमण के मामूली लक्षण देखे गए, जैसे बुखार और खांसी. कइयों में इसके कारण निमोनिया भी देखा गया।

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कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के उपाय (WHO)- आप क्या कर सकते है ?

  • बार बार अपने हाथ साबुन और पानी से धोते रहें या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।
  • खांसते और छींकते वक्त टीशू का इस्तेमाल करें।
  • इस्तेमाल किये हुए टिशू डस्टबिन में फेंक दे और अपने हाथ धोएं।
  • अगर आपके पास टिशू नहीं है तो अपने बाजू का इस्तेमाल करें।
  • हाथ बिना धोये अपनी आँख, नाक या मुँह को न छुएं।
  • बीमार व्यक्ति के नजदीक जाने से बचें।

F & Q About Corona Virus

1. कोरोना के संक्रमण और उसके लक्षण सामने आने में कितना समय लगता है?

वैज्ञानिकों का कहना है कि कोरोना वायरस से संक्रमण के बाद इसके लक्षण सामने आने में पांच दिनों का समय लगता है लेकिन कुछ लोगों में इसके लक्षण दिखने में इससे ज़्यादा वक़्त भी लग सकता है।

2. कोरोना से संक्रमण के बाद ठीक होने वाले लोग दोबारा संक्रमित नहीं होंगे?

फिलहाल ये कहना जल्दबाज़ी होगी. इस वायरस के बारे में अभी दिसंबर में ही पता चला है। वायरस संक्रमण के दूसरे मामलों से जुड़े अतीत के अनुभव बताते हैं कि रोग रोग प्रतिरोधकों के ज़रिये इससे बचाव किया जा सकता है। सार्स और कोरोना परिवार के अन्य विषाणुओं को लेकर हमारी राय ये है कि दोबारा संक्रमित होने के आसार कम हैं।

3. फ़्लू और कोरोना वायरस में क्या अंतर है?

कोरोना वायरस और फ़्लू (बुखार और संक्रामक जुकाम) के कई लक्षण एक जैसे हैं. बिना मेडिकल टेस्ट के इसके अंतर को समझना मुश्किल है। कोरोना वायरस के प्रमुख लक्षण बुखार और सर्दी ही है. फ्लू में अक्सर दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं जैसे गले में दर्द। जबकि कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को सांस की तकलीफ़ की शिकायत रहती है।

4. खुद को एकांत में कैसे रखें?

सेल्फ आइसोलेशन यानी खुद को एकांत में रखने का मतलब 14 दिनों तक घर में रहना, काम पर नहीं जाना, स्कूल या किसी अन्य सार्वजनिक जगह पर नहीं जाना और सार्वजनिक परिवहन और टैक्सी से दूर रहना। आपको घर के भीतर भी खुद को परिवार के दूसरे लोगों से अलग रखना चाहिए।

5. अस्थमा के मरीजों के लिए कोरोना वायरस कितना ख़तरनाक़?

हमारे श्वसन तंत्र या हमारी सांस लेने की प्रणाली में किसी भी तरह का संक्रमण, वो चाहे कोरोना वायरस ही क्यों न हो, अस्थमा की तकलीफ़ बढ़ा सकता है। कोरोना वायरस को लेकर चिंतित अस्थमा के मरीज कुछ एहतियाती कदम उठा सकते हैं। इसमें डॉक्टर द्वारा सुझाए गए इनहेलर का इस्तेमाल भी शामिल है।

6. क्या कोरोना का संक्रमण फोन से भी हो सकता है?

कोरोना वायरस का संक्रमण छींकने या खांसने से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हो सकता है, लेकिन जानकारों का कहना है कि ये वायरस किसी सतह पर भी अस्तित्व में रह सकता है और वो भी संभवतः कई दिनों तक। इसलिए ये अहम है कि आपका फोन चाहे घर पर हो या दफ़्तर में पूरी तरह से बार-बार साफ़ हो। सभी प्रमुख फोन बनाने वाली कंपनियां मोबाइल फोन को एल्कोहॉल से, हैंड सैनिटाइज़र से या स्टरलाइजिंग वाइप्स से साफ़ करने को लेकर आगाह करती हैं क्योंकि इससे फोन की कोटिंग को नुक़सान होने का ख़तरा रहता है।

7. क्या कोरोना दरवाज़े के हैंडल से भी फैल सकता है?

अगर कोई संक्रमित व्यक्ति छींकते वक़्त मुंह पर हाथ रखता है और फिर उसी हाथ से वो किसी चीज़ को छूता है तो वो सतह विषाणु युक्त हो जाती है। दरवाज़े के हैंडल ऐसी सतहों के अच्छे उदाहरण हैं जिससे दूसरे लोगों को संक्रमण का ख़तरा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस किसी सतह पर भी अस्तित्व में रह सकता है और वो भी कई दिनों तक। इसलिए सबसे अच्छा यही है कि आप हाथ नियमित रूप से धोते रहें ताकि संक्रमण का ख़तरा कम हो।

8. मास्क पहनना कितना ज़रूरी?

डॉक्टर लोग हमेशा ही मास्क पहने हुए दिखते हैं लेकिन इस बात के प्रमाण कम ही मिलते हैं कि आम लोगों के मास्क पहनने से चीज़ें बदल जाती हैं। ब्रिटेन के स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए वो मास्क पहनने की सिफारिश नहीं करता है। विशेषज्ञों की राय में साफ़-सफ़ाई जैसे कि नियमित रूप से हाथ धोना ज़्यादा असरदार है।

9. बच्चों के लिए कितना ख़तरा?

चीन से मिल रहे आंकड़ों के अनुसार बच्चे तुलनात्मक रूप से कोरोना संक्रमण से बचे हुए हैं। हालांकि जिन बच्चों को फेफड़े की बीमारी है या फिर अस्थमा है, उन्हें ज़्यादा सावधान रहने की ज़रूरत है क्योंकि ऐसे मामलों में कोरोना वायरस हमला कर सकता है। ज़्यादातर बच्चों के लिए ये श्वसन संबंधी सामान्य संक्रमण की तरह है और इसमें ख़तरे जैसी कोई बात नहीं है। वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकारों और प्रशासन के पास स्कूल बंद करने का अधिकार होता है. अगर वो चाहें तो ऐसा कर सकते हैं।

10. संक्रमित व्यक्ति के हाथ का बना खाना कितना नुक़सानदेह?

संक्रमित व्यक्ति ने खाना बनाते वक़्त अगर साफ़-सफ़ाई का ठीक से ख़्याल न रखा हो तो इससे कोरोना वायरस के फैलने का ख़तरा रहता है

Check COVID-19 Official Site 

कितनी तेज़ी से फैल रहा है कोरोना वायरस?

रोज़ दुनिया भर में कोरोना वायरस के सैंकड़ों मामले सामने आ रहे हैं. लेकिन ये भी माना जा रहा है कि अब भी कई मामले स्वास्थ्य एजेंसियों की नज़र से बच गए होंगे।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के ताज़ा आंकड़ों के अनुसार दुनिया के 153 देशों में अब तक कोरोना वायरस के संक्रमण के 1,50,895 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। इसके कारण अब तक 15 हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इस वायरस के संक्रमण के सबसे अधिक मामले चीन, इटली, ईरान और कोरिया में सामने आए हैं।

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